लैटिन नाम : Ocinum Sanctum सफेद तुलसी |
Ocinum Dilosum काली तुलसी |
अंग्रेजी : Basil.
फारसी : रेहान |
परिचय
यह सभी जगाह वाटिकाओं में, मंदिरों के पास और हर एक हिन्दू परिवारों के घरो में जयादातर पूजनीय हैं ये 2 से 3 फीट तक लम्बी होती है|
इसकी शाखाएं सरल रूप से सरल तथा लम्बी होती हैं|और ये सुगन्धित होती है|इसकी सुगंध काफी होती है|सफेद तुलसी की पत्तियां हरे रंग की तथा डंडियाँ हरे फीके रंग की होती है|तथा काली तुलसी के पत्ते व् डंडियाँ कुछ हरे एंव बेंगनी रंग के होते हैं|
रासायनिक सगठन
इसके पत्तों में एक उद्नशील तेल होता है जो की कफ नाशक होता है और इर्द गिर्द के प्रदुषण को कम करता है
गुण : लघु,रुक्ष रस : कटु,तिक्त
वीर्य : उष्ण विपाक : कटु
प्रयोग
तुलसी एक अति महा उपयोगी महा ओषधि है| सफेद तुलसी की तुलना में काली तुलसी थोड़ी जादा गुणकारी है|जिस घर में तुलसी लगी हो वंहा पर मच्छर नहीं आते यहाँ तक की सर्प भी उस घर में उसकी सुगंध से प्रवेश नहीं करते है
ये एक उत्तम सर्प विषनाशक भी है|सर्प काटे हुए व्यक्ति को सर्पदंश स्थान पर तुलसी मूल को पीसकर लेप करने से और पत्र स्वरस को कान व् नाक में अच्छी तरह भरकर माँ पार्वती जी और भगवन महादेव का जप करने से उनका ध्यान करने से सर्प विष निशचय ही ठीक होता है|इसके अतिरिक्त तुलसी का प्रयोग दांतों के दर्द के लिए ,बुखार,कुष्ठ रोग,त्वचा रोग अमाशय रोग आदि में इसका प्रयोग किआ जाता है|इसलिए पुराने समय से ही हर घर में तुलसी का पोधा लगाया जाता रहा है और आज भी इसका प्रचलन हमे देखने को मिलता है |