केले के फायदे Benefits of banana केले से चिकित्सा

केला मीठा,शीतल भारी और चिकना होता है| यह बहुत ही स्वादिष्ट,पुष्टिकारक,रुचिकारक,वीर्यवर्धक और शरीर के मांस को बढ़ाने वाला होता है|केले के रंग से हम उसका शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाया जा सकता है|पीले छिलके का केला हल्का होगा,हरे छिलके का केला मध्य प्रभाव वाला होगा तथा लाल छिलके वाला केला अधिक भारी होगा|केले को कभी भी खाली पेट सेवन नहीं करना चाहिए| और न ही इसे भोजन से पहले खाएं|
केला हमारी जठराग्नि को शांत करता है इसलिए जिसे मन्दाग्नि की शिकायत हो उसे केले का सेवन नहीं करना चाहिए| अगर आपको केला खाने की इच्छा होती है तो आप पहले अपने पाचन तन्त्र का नरीक्षण कर लेमे और उसी के हिसाब से इसका सेवन करें अगर आपका पाचन तन्त्र गडबडी में रहता है तो केले का सेवन न करें अन्यथा आपको पेट के लिए मुसीबत झेलनी पड़ सकती है |kक्यूंकि आपको बता दें की भारी होने की बजह से देर से पचना और कब्ज पैदा करना इसका जन्मसिद्ध अधिकार है और ये अपना काम बड़े वखूबी से निभाता है इसलिए कब्ज वाले तो इसका सेवन न ही करें तो सही रहेग|और अगर बच्चों को खांसी की समस्या है और उन्हें केला खिला दिया तो समझ लीजिए आपके बच्चे को नुमोनिया की समस्या भी हो सकती है ओर केला खाने के बाद कभी भी पानी न पियें|
केले से चिकित्सा
- मिटटी खाना :- अगर आपका बच्चा मिटटी खाता हो तो आप 5 ग्राम शेहद के साथ एक केला प्रतिदिन बच्चें को खिलाएं इस प्रक्रियां से बच्चो के पेट में गई मिटटी बाहर आ जाती है और बच्चे का मन भी मिटटी खाने के लिए मर जाता है|
- सुजन :- सूजन शरीर पर किसी भी कारण आयी हो उसमे केला खाने से लाभ मिलता है|
- दमा :- याद रखें दमा के मरीजों को कभी भी केले का सेवन नही करना चाहिए|क्यूंकि केला दमा को उजागर करता है |
- दस्त :- केला कब्ज कारक है |दो केले आधा पाव दही के साथ नित्य लेने से आपको दस्त में राहत मिलेगी|
- छाले :- यदि आपको छाले ओर गले में समस्या है तो एक केला गौमाता के दही के साथ लेमे इससे लाभ मिलेगा|
- पेट के रोग :- पेट में विभिन्न प्रकार के रोगों में भोजन के तोर पर केला खाने से बहुत लाभ मिलता है ये आंतडियो की सुजन तक को समाप्त करने में सक्षम है|
- पीड़ा :- तीन ग्राम जड़ के चूर्ण को गौमाता के घी में मिलाकर और गुड के साथ पकाकर खाने से उदर तथा दांतों और मसूड़ों की पीड़ा दूर होती है|